मृत्यु के बाद आत्मा के साथ क्या होता है?

मृत्यु के बाद आत्मा के साथ क्या होता है?

दोस्तों क्या आपने कभी सोचा है कि जब इंसान मर जाता है तो | मृत्यु के बाद आत्मा के साथ क्या होता है?, उसके साथ क्या होता है। क्या करने के बाद आत्मा घर वापस आती है? और आखिर मृत्यु के बाद आत्मा के साथ क्या होता है? शरीर में क्या बदलाव आते हैं? क्यों मरने के बाद 13 दिन 13वीं मनाई जाती है? करने के बाद आत्मा कहां जाती है? और आत्मा के साथ क्या होता है? अगर आप भी इन सभी सवालों के जवाब जानना चाहते हैं तो दोस्तों इस लेख के माध्यम से हम आपको बताते हैं।

हर कोई यही जानता है और मानता है कि जिंदगी एक बार मिलती है लेकिन हकीकत तो यह है कि इंसान को मौत भी एक बार ही मिलती है करने के बाद इंसान को कभी दोबारा जिंदगी नहीं मिलती इसीलिए मौत का नाम सुनते ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं।क्योंकि मौत ही ऐसी चीज है जो कि इंसान के सारे रिश्ते एक ही पल में तोड़ देती है।

जब इंसान मरता है तो वह मरने से पहले अपने बचपन से लेकर अब तक की पूरी जिंदगी देख लेता है वह भी सिर्फ 7 मिनट के अंदर यह 7 मिनट उसके लिए पूरी एक फिल्म की तरह होते हैं जिसमें वह अपने जीवन से जुड़ी हर उस याद को देख लेता है जिसमें वह जिया है और जब जाकर उसे कहीं मौत आती है।

और यह बात हकीकत है क्योंकि विज्ञान को ने भी यह दावा किया है की करने से पहले इंसान को यह सब एक सपने के रूप में दिखाई देता है। यह सब देखकर इंसान को ऐसा लगता है कि वह अपनी पुरानी जिंदगी में वापस लौट रहा है यह सब यह सब सोचने के बाद इंसान का दिमाग एकदम बंद हो जाता है ,

इसके बाद दिमाग में कोई हलचल सोचने समझने की शक्ति नहीं रहती और फिर इंसान की मौत हो जाती है। आपने देखा होगा कि करने के बाद इंसान के पैर एकदम ठंडे हो जाते हैं। धीरे-धीरे उसका शरीर भी अकड़ने लगता है।

 कैसे निकलती है शरीर से आत्मा?

मृत्यु के बाद आत्मा के साथ क्या होता है? दोस्तों ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मौत से पहले इंसान के शरीर में दिक्कत होना शुरू हो जाती हैं और इंसान को एहसास हो जाता है कि अब उसका जीवन यहीं खत्म होने वाला है। और इसीलिए उसकी धरती से कनेक्शन खत्म होने लगता है और उसकी धरती से कोई भी कनेक्शन नहीं रहता इसीलिए करने के बाद इंसान के पैर ठंडे होने लगते हैं और यही वजह है करने के बाद आत्माएं जमीन पर न रहकर हवाओं में उड़ने लगती है।

जब इंसान मरता है तो उसकी आत्मा पैरों से बाहर निकलना शुरू हो जाती है। और आखिर में मुंह से होते हुए बाहर निकल जाती है। ऐसा कहा जाता है जैसे जिसके कर्म होते हैं उसकी आत्मा वैसे ही बाहर निकलती है। यदि कोई इंसान अच्छा है तो उसकी आत्मा सहजता से बाहर निकल जाती है वहीं यदि कोई बुरा इंसान है जिसने लोगों को सताया हो और लोगों के साथ बुरा किया हो तो उसकी आत्मा बड़ी ही तकलीफों का सामना करते हुए बाहर निकलती है और उसके शरीर को भी बड़ी मुस्किलो का सामना करना पड़ता है।

इसीलिए आपने देखा होगा कुछ लोग मरने से पहले बहुत ज्यादा बेचैन और परेशान होते हैं। उनके चेहरे का रंग भी एकदम पीले सा पड़ जाता है। यह सब आत्मा के निकलने की वजह से होता है। आत्मा इतनी आसानी से शरीर को छोड़ने के लिए तैयार नहीं होती। क्योंकि इतने समय से आत्मा का शरीर के साथ एक गहरा रिश्ता बन जाता है। आत्मा को भी इस शरीर की आदत पड़ जाती है मरने के बाद आत्मा कुछ समय तक शरीर के पास खड़ी रहती है और जब उसके घर वाले उसे देखकर रोते है या चिल्लाते हैं तो यह सब इंसान को महसूस होता है,

लेकिन वह कुछ कह नहीं पता बस इनके रोने को सुनता रहता है। ये आवाजे इंसान को शोर जैसे सुनाई देती है उसकी काफी परेशान करती है और हर एक घर वाले से बात करने की कोशिश करती है। अपनी बात बताना चाहती है लेकिन कुछ नहीं कर पाती। अब बारी आती है आत्मा के परलोक जाने की तो भगवान दो यमदूत आत्मा को साथ ले जाने के लिए भेजते हैं। और यह यमदूत आत्मा को अपने साथ परलोक की यात्रा करने को ले जाते हैं। यमदूत उन आत्माओं के साथ बुरा बर्ताव करते हैं जो लोग पापी होते हैं। या जो लोग दूसरों के बारे में बुरा सोचते हैं।

आत्मा का पृथ्वी लोक से परलोक तक का सफर

मृत्यु के बाद आत्मा के साथ क्या होता है | पहले इस आत्मा को एक गुफा से होकर जाना पड़ता है। और फिर बाद में परलोक का रास्ता दिखाई देता है किंतु इस रास्ते से पहले एक नदी पड़ती है जिसका नाम है पयतरणी इस नदी को पार करना पड़ता है इस नदी में पानी नहीं होता बल्कि भड़कती हुई आग होती है। अब इंसान के कर्मों के हिसाब होता है। जैसा जो कर्म करता है वैसा ही उसके साथ होता है इसके बाद आत्मा को परलोक लाया जाता है।

कर्मो का हिसाब

जहां यमराज उसका हिसाब करते हैं। और चंद्रगुप्त से उसके द्वारा किए गए कर्मों का सारा हिसाब मांगते हैं। चित्रगुप्त के पास हर एक इंसान का सारा लेखा जोखा होता है जिसे वह यमराज के सामने रख देते हैं। और यहां भी इंसान के कर्म ही उसका साथ देते हैं। अगर कर्म अच्छे किए गए हो तो वह एक भला इंसान होता है। उसे स्वर्ग में भेज दिया जाता है लेकिन अगर वह एक बुरा इंसान है जिसने धरती पर बहुत से पाप किया तो उसे नर्क में फेंक दिया जाता है।नर्क भी 36 प्रकार के होते हैं।

सच्ची कहानी

ऐसे ही कुछ समय पहले एक आदमी मर गया था और उसे दो यमदूत उठाकर ले गए और इस शख्स ने बताया जब मेरे अंदर से आत्मा को खींचा गया तो ऐसा लग रहा था जैसे किसी मुलायम कपड़ों को कांटों पर से खींचा गया हो। मुझे बहुत तकलीफ हो रही थी उसके बाद मुझे परलोक ले जाया गया। वहां रास्ते में एक नदी बड़ी जिसमें आज और बहुत सारे कीड़े मकोड़े थे।मुझे नदी को पार करने के लिए कहा गया अगर मैं उसे पर ना करता तो यमदूत मुझे करने लगते है मैंने बड़ी मुश्किल से इस नदी को पार किया और फिर मैं परलोक पहुंचा जहां बहुत बड़ा दरवाजा था।

वह दोनों यमदूत बाहर रुक गए और मुझे अंदर भेज दिया गया। सामने यमराज बैठे थे उनकी आवाज इतनी खतरनाक थी कि मेरे होश उड़ गए उन्होंने यमदूत से कहा कि इसे क्यों ले आए इसका तो अभी वक्त ही नहीं आया। और फिर मेरी आंखों पर पर्दा डाल दिया गया। मेरी आंखें खुली तो मैं अपने घर वालों के बीच था। एक सच्ची घटना है जो आज से ठीक 10 साल पहले पूर्ण सिंह के साथ हुई। एक ही घटना नहीं जो साइंटिस्ट के सामने साल दर साल ऐसी बहुत सी घटनाएं सामने आती रहती है और न जाने कितने लोग मौत को छूकर वापस आ जाते है।

Read More…

 

Leave a Comment